mauryottar kal mcq मौर्योत्तर काल के महत्वपूर्ण प्रश्न

मौर्योत्तर काल mauryottar kal mcq

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Q.1.प्राचीनतम स्मृति है?
(A) विष्णु धर्म शास्त्र (B) मनु स्मृति
(C) याज्ञवल्क्य स्मृति (D) नारद पति

उत्तर-(B)
व्याख्या-
मनु स्मृति सबसे प्राचीन स्मृति है। मनु स्मृति के रचनाकार मनु माने जाते हैं। इस रचना का समय 184 ई.प. से 100 ई.प. के बीच माना जाता है।

Q.2. में शाही मौर्य के ठीक बाद उत्तराधिकारी कौन थे?
(A) कुषाण
(B) पाण्ड्य
(C) सातवाहन
(D) शुग

उत्तर-(D)
व्याख्या-
मौर्यों के ठीक बाद मगध पर शुंग राजर्दश ने शासन किया। 185 ई.पू. में अंतिम मौर्य शासक बृहद्रथ की हत्या करके पुष्यमित्र शुंग ने जिस नवीन राजवंश की स्थापना की, वह ‘ग’ नाम से जाना जाता है।

Q.3.लगमग 185 ई.पू. में पुष्यमित्र द्वारा स्थापित किया गया भारतीय शासक (दल) वंश कौन-सा है, जिसने मौर्य वंश का स्थान लिया?
(A) गुप्त
(B) चालुक्य
(C) वाकाटक
(D) शुंग

उत्तर-(D)

Q.4.शुंग वंश का अंतिम शासक कौन था?
(B) सुशर्मा
(A) शातकर्णि
(C) पोर्नमावी
(D) देवभूति

उत्तर- (D)
व्याख्या
– शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति था इसकी हत्या इसके सचिव वसुदेव द्वारा 75 ईसा पूर्व में कर दी गई थी जिसके उपरांत वसुदेव ने कण्व वंश की नींव रखी।

Q.5.गौतमी पुत्र शातकर्णी किस वंश का शासक था?
(A) शुंग वंश का
(B) कुषाण वंश का
(C) राष्ट्रकूट वंश का (D) सातवाहन वंश का

उत्तर-(D)
व्याख्या
– गौतमी पुत्र शातकर्णी सातवाहन वंश का 23वा तथा सबसे महान शासक था। उसने अपने को एकमात्र ब्राह्मण कहा, शकों को हराया तथा क्षत्रिय शासकों के दर्प को चूर्ण किया। इसकी सैनिक विजयों की जानकारी इसकी मां वलश्री की नासिक प्रशस्ति से मिलती है।

Q.6.सातवाहनों के अधिकतर सिक्के किस धातु के मिले हैं?
(A) जीतल के
(B) सीसे के
(C) पीतल के
(D) सोना के

उत्तर-(B)
व्याख्या-
सातवाहनों के अधिकतर सिक्के सीसे के मिले हैं। सीसे के अतिरिक्त इनमें पोटीन, तांबे एवं कांसे की मुद्राओं के निर्माण के साक्ष्य मिले हैं।

Q.7.शक संवत् जो 78 ई. से प्रारंभ होता है, प्रकट करता है
(A) कनिष्क का शासन (B) हर्ष की समृद्धि
(C) शिवाजी का शासन (D) चंद्रगुप्त का शासन

उत्तर-(A)
शक काल पर आधारित राष्ट्रीय पंचांग किस वर्ष आरंभ हुआ?
व्याख्या– प्रसिद्ध कुषाण शासक कनिष्क शक संवत् का प्रवर्तक था। इसका समय 78 ई. माना जाता है, जो कनिष्क के राज्यारोहण की तिथि भी है। शक संवत् भारत का राष्ट्रीय संवत् है। भारतीय संविधान ने इसे 22 मार्च, 1957 को राष्ट्रीय पचांग के रूप में ग्रहण किया।

Q.8.भारतीय राष्ट्रीय पंचाग किस नाम से जाना जाता है?
(A) विक्रम संवत् (B) शक संवत्
(C) हिजरी संवत् (D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(B)

Q.9.शक संवत् किस वर्ष से शुरू हुआ?
(A) ईसा से 58 वर्ष पूर्व
(B) ईसा की मृत्यु के 58 वर्ष बाद
(C) ईसा की जन्म के 78 वर्ष बाद
(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(C)
व्याख्या
– कुषाण वंशीय शासक कनिष्क प्रथम ने शकों पर विजय पाने के उपलक्ष्य में ईसा के जन्म के 78 वर्ष बाद, शक अथवा शकाष्द संवत् प्रचलित किया। इसे ‘शालिवाहन संवत्’ भी कहा जाता है।

Q.10.शक पंचांग का प्रथम मास होता है?
(A) चैत्र
(B) वैशाख
(C) माघ
(D) कार्तिक

उत्तर-(A)
छ शक संवत् पर आधारित राष्ट्रीय पंचांग का अंतिम महीना कौन
सा है
?

व्याख्या- शक पंचांग का प्रथम मास चैत्र होता है। इसके बाद क्रमशः वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण (सावन), भाद्रपद, आश्विन,कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ व फाल्गुन महीने आते हैं।

Q.11.हेलियोडोरस के बेसनगर अभिलेख से उल्लेख होता है?
(A) संकर्षण और वासुदेव का
(B) संकर्षण, वासुदेव एवं प्रद्युम्न का
(C) सभी पांच वीरों का
(D) वासुदेव का

उत्तर-(D)
व्याख्या
– हेलियोडोरस, तक्षशिला के यवन शासक एंटियालकिड्स का राजदूत था, जिसने बेसनगर में वासुदेव के सम्मान में गरुणध्वज की स्थापना की।

Q.12.प्राचीन भारत में चिकित्साशास्त्र पर ग्रंथ लिखा था?
(A) आर्यभट्ट (B) नागार्जुन
(C) वाराहमिहिर
(D) चरक

उत्तर-(D)
Q. कनिष्क का दरबारी चिकित्सक कौन था?

व्याख्या-आयुर्वेद के मर्मज्ञ चरक कनिष्क के राजवैद्य थे, जिन्होंने
औषधिशास्त्र पर चरक संहिता’ नामक ग्रंथ लिखा जिसे भारतीय
चिकित्साशास्त्र का विश्वकोश’ माना जाता है। इन्हें आयुर्वेद का
जनक कहा जाता है।

Q.13.’आयुर्वेद का जनक’ किन्हें कहा जाता है?
(A) मनु
(C) लुकमान
(B) चरक
(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(B)

Q.14.ईसा पूर्व द्वितीय सदी में कागज बनाने की कला को किसने खोजा?
(A) चीनियों ने
(B) रोमनों ने
(C) ग्रीकों ने
(D) मंगोलों ने

उत्तर-(A)
व्याख्या-
कागज बनाने की कला ईसा पूर्व द्वितीय सदी में चीनियों द्वारा खोजी गई थी। आधुनिक पेपर बनाने की प्रक्रिया की खोज जिंगझांग ने (50 से 121 ईसा पूर्व) की थी।

Q.15.कौन-सी दो सभ्यताओं ने गांधार कला शैली की रचना में सहायता प्रदान की है?
(A) भारतीय एवं रोमन (B) भारतीय एवं मिस्त्री
(C) यूनानी एवं रोमन
(D) भारतीय एवं यूनानी

उत्तर-(D)
व्याख्या
– ई.पू. दूसरी शताब्दी के बाद उत्तर-पश्चिमी भारत यूनानियों के संपर्क में आने लगा था। भारतीय एवं यूनानी संस्कृतियों के मिलन से ही गांधार कला की उत्पत्ति हुई।

Q.16.विक्रम संवत् एवं शक संवत् में कितने वर्ष का अंतर है?
(A) 57 वर्ष
(C) 135 वर्ष
(B) 68 वर्ष
(D) 240 वर्ष

उत्तर-(C)
व्याख्या
– विक्रम संवत् की शुरुआत 57 ई.पू. में की गई। शक संवत् ई. 78 में प्रचलित किया गया, अतः दोनों में 57+78 = 135 वर्ष का अंतर है।

Q.17.कनिष्क की राजधानी कहां थी?
(A) अमरावती
(B) कन्नौज
(D) पेशावर
(C) मथुरा

उत्तर-(D)

Q.कुषाण वंश का प्रसिद्ध शासक कौन था?

व्याख्या– कुषाण वंश के प्रसिद्ध शासक कनिष्क (राज्यारोहण 78 ई.) की राजधानी पेशावर (पुरुषपुर) थी। मथुरा उसकी द्वितीय राजधानी एवं उसके शासन का (उत्तर भारत में) मुख्य केंद्र थी।

Q.18.भारतीयों के लिए महान ‘सिल्क मार्ग’ किसने आरंभ कराया?
(A) कनिष्क
(C) हर्ष
(B) अशोक
(D) फाह्यान

उत्तर-(A)
व्याख्या
– कुषाणों ने चीन से ईरान तथा पश्चिमी एशिया तक जाने वाले रेशम के मार्ग को अपने नियंत्रण में रखा, क्योंकि यह उनके साम्राज्य से होकर गुजरता था। यह मार्ग उनकी आय का सबसे बड़ा स्रोत था, क्योंकि इससे जाने वाले व्यापारी बहुत अधिक कर देते थे।

इस सिल्क व्यापार में भारतीय व्यापारियों ने बिचौलियों के रूप में भाग लेना प्रारंभ कर दिया, फलतः उत्तर-पश्चिम भारत एक अत्यंत समृद्ध व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित हो गया।

Q.19.कुषाण काल में सबसे अधिक विकास किस क्षेत्र में हुआ था?
(A) धर्म
(B) कला
(C) साहित्य
(D) वास्तुकला

उत्तर-(B)
व्याख्या-
कुषाण काल में कला के क्षेत्र में सर्वाधिक विकास हुआ। गांधार कला सर्वप्रथम इसी समय प्रकाश में आई थी।

Q.20″अशोक द्वितीय” के नाम से किसे जाना जाता है?
(A) समुद्रगुप्त
(B) चंद्रगुप्त मौर्य
(C) कनिष्क
(D) हर्षवर्धन

उत्तर-(C)

व्याख्या– कनिष्क भी बौद्ध मतानुयायी था तथा उसने अशोक की भांति बौद्ध धर्म का प्रचार साम्राज्य के साधनों से कराया। बौद्ध अनुश्रुतियों में कनिष्क को अशोक के समान बताया गया है। अतः’द्वितीय अशोक’ कनिष्क ही था।

Q.21.किसने बड़े पैमाने पर स्वर्ण मुद्रा (सोने की मोहर) चलाई थी?
(A) ग्रीकवासियों ने
(B) मौयों ने
(C) कुषाण शासकों ने
(D) शुंगों ने

उत्तर-(C)
Q.किसके शासनकाल में प्रथम सोने के सिक्के जारी किए गए थे?

व्याख्या– कुषाणों के पास स्वर्ण का भारी भंडार था, जिसे उन्होंने एशिया के अल्टाई पहाड़ों एवं रोम से प्राप्त किया था। स्वर्ण सिक्कों का प्रारंभ कुषाण शासक विम कडफिसेस के काल से हुआ तथा कनिषक के समय तक भारी मात्रा में स्वर्ण मुद्राओं का निर्माण होने लगा कुषाणकालीन सिक्के शुद्धता की दृष्टि से उत्कृष्ट थे।

Q.22.कलिंग प्रदेश के महान शासक हुए
(A) अशोक
(B) खारवेल
(C) अजातशत्रु
(D) चंद्रगुप्त

उत्तर-(B)
Q.प्राचीन काल में कलिंग का महान शासक निम्नलिखित में से कौन था?

व्याख्या– हाथीगुम्फा अभिलेख से कलिंग प्रदेश के शासक के रूप में खारवेल का उल्लेख मिलता है। खारवेल चेदि वंश का था। खारवेल को महाराज, महामेघवाहन एवं कलिंगाधिपति कहा गया है। यह जैन धर्म का संरक्षक था।

Q.23.निम्नलिखित वंशक्रम. को सजाएं
(A) मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त (B) शुंग, मौर्य, कुषाण, गुप्त
(C) मौर्य, गुप्त, कुषाण, शुंग (D) गुप्त, मौर्य, शुंग, कुषाण

उत्तर-(A)
व्याख्या
– मोरे सॉन्ग कुशाल एवं एवं गुप्त का वंशक्रम निम्नवत है
मौर्य – (323 से 184 ई.पू.)
शुग – (185 से 73 ई.पू.)
कुषाण – (58 ई.पू. से 174 ई.)
गुप्त – (319 से 550 ई.)

Q.24.गुप्त साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक किसे माना जाता है?
(A) चंद्रगुप्त द्वितीय
(B) चंद्रगुप्त प्रथम
(C) समुद्रगुप्त (D) श्रीगुप्त

उत्तर-(B)
व्याख्या-
गुप्त साम्राज्य का वास्तविक संस्थापक चंद्रगुप्त प्रथम को माना जाता है। उसने 319 से 335 ई. तक शासन किया।

Q.25, गुप्त वंश का संस्थापक कौन था?
(A) चंद्रगुप्त प्रथम
(a) चंद्रगुप्त द्वितीय
(C) श्रीगुप्त
(D) कुमारगुप्त

उत्तर-(C)
व्याख्या
– गुप्त वंश के संस्थापक श्रीगुप्त थे। ते एक सामंत राजा थे। उन्हीं के नाम से आगे इस वंश को गुप्त वंश कहा जाने लगा।

मौर्योत्तर काल के महत्वपूर्ण प्रश्न

Q.26.’भारत का नेपोलियन’ किसे कहते हैं?
(A) चंद्रगुप्त प्रथम
(B) समुद्रगुप्त
(C) विक्रमादित्य
(D) स्कंदगुप्त

उत्तर-(B)
व्याख्या
– इतिहासकार स्मिथ ने भारत का नेपोलियन’ समुद्रगुप्त को कहा है। समुद्रगुप्त गुप्त साम्राज्य का प्रमुख शासक था, जिसक,समय में गुप्त साम्राज्य का सर्वाधिक विस्तार हुआ।

Q.27.चंद्रगुप्त विक्रमादित्य किस वंश से संबंधित थे?
(A) गुप्त वंश
(B) मौर्य वंश
(C) हर्यक वंश
(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(A)
व्याख्या
– गुप्त वंश के सर्वाधिक प्रतापी शासक चंद्रगुप्त द्वितीय को ही चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के नाम से जाना जाता है। विक्रमादित्य ने 375-415 ई. तक लगभग 40 वर्षों तक शासन किया।

Q.28.किस गुप्त शासक को विक्रमादित्य’ की उपाधि दी गई?
(A) समुद्रगुप्त
(B) चंद्रगुप्त प्रथम
(C) स्कंदगुप्त
(D) चंद्रगुप्त द्वितीय

उत्तर-(D)
व्याख्या
– गुप्त वंशीय शासक चंद्रगुप्त द्वितीय ने शकों पर विजय के बाद ‘विक्रमादित्य’ की उपाधि धारण की एवं चांदी के सिक्के भी जारी किए। उसकी अन्य उपाधियां विक्रमांक, विक्रमादित्य तथा परम भगवत् थीं।

Q.29.भारतीय संस्कृति का स्वर्णयुग कौन सा है?
(A) राजपूत काल (B) गुप्त काल
(C) चोल काल (D) मौर्य काल

उत्तर-(B)
व्याख्या
– गुप्त काल में भारत की आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक एवं धार्मिक स्थिति काफी अच्छी थी। चारों ओर शांति का माहौल था। कला और संस्कृति के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति हुई थी।

Q.30.कुतुबमीनार के पास स्थित लौह स्तंम किस राजा ने बनवाया था?
(A) चंद्रगुप्त द्वितीय
(B) रामगुप्त
(C) स्कंदगुप्त (D) समुद्रगुप्त

उत्तर-(A)
व्याख्या
– यह माना जाता है कि मेहरौली (दिल्ली) का लौह स्तंभ चंद्रगुप्त द्वितीय ने बनवाया था, इसकी विशेषता यह है कि आज भी इसकी चमक धुंधली नहीं हुई। इस पर ‘चंद्र’ नामक राजा का उल्लेख है।

Q.31.गुप्त शासकों द्वारा जारी किए गए चांदी के सिक्के को कहते थे?

(A) पण
(C) दीनार
(B) कार्षापण
(D) रूपक

उत्तर-(D)
व्याख्या
– गुप्त राजाओं द्वारा जारी किए गए चांदी के सिक्कों को ‘रूपक’ कहते थे। इनका निर्माण क्षत्रप सिक्कों की तरह किया गया था। इन सिक्कों का वजन 30 ग्रेन से 35 ग्रेन तक होता था।

Q.32.वाराहमिहिर कौन थे?
(A) कवि
(C) खगोलविद
(B) दार्शनिक
(D) ज्योतिषी

उत्तर-(C)
व्याख्या
– वाराहमिहिर एक खगोलविद् (छठीं सदी में) थे। खगोलशास्त्र पर उनके प्रसिद्ध ग्रंथ वृहत्संहिता तथा पंचसिद्धांतिका हैं। वृहत्संहिता में नक्षत्र-विद्या, वनस्पतिशास्त्र, प्राकृतिक इतिहास, भौतिक भूगोल जैसे विषयों का वर्णन है।

Q.33.चीनी यात्री फाह्यान किसके शासनकाल में भारत आया?
(A) कनिष्क
(B) चंद्रगुप्त मौर्य
(C) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य (D) समुद्रगुप्त

उत्तर-(C)
Q.फाह्यान कहां का निवासी था?

व्याख्या– चीनी यात्री फाह्यान चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समय में 399 ई. में भारत आया तथा 414 ई. तक उसने भारत के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। इसका उद्देश्य बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन करना तथा बुद्ध के चरण चिह्नों से पवित्र हुए स्थानों को देखना था। फाह्यान का जन्म चीन के ‘कु-यांग’ नामक स्थान पर हुआ था।

Q.34.उल्लिखित राजाओं का निम्न में से कौन-सा एक कालक्रम सही
(A) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य-समुद्रगुप्त
(B) समुद्रगुप्त-चंद्रगुप्त विक्रमादित्य कुमारगुप्त प्रथम
(C) कुमारगुप्त प्रथम-चंद्रगुप्त
(D) समुद्रगुप्त-स्कंदगुप्त-चंद्रगुप्त विक्रमादित्य-कुमारगुप्त प्रथम

उत्तर-(B)
व्याख्या
– समुद्रगुप्त के पश्चात उनके पुत्र चंद्रगुप्त द्वितीय (विक्रमादित्य) राजा हुए। उनके पश्चात, उनके ज्येष्ठ पुत्र कुमारगुप्त प्रथम राजा हुए। कुमारगुप्त के पश्चात स्कंदगुप्त राजा हुए।

Q.35.किसके परिणामस्वरूप, पांचवीं शताब्दी ई. में गुप्त साम्राज्य का पतन हुआ?
(A) चालुक्य छापों के
(B) ग्रीक आक्रमण के
(C) हूण आक्रमण के
(D) पल्लव छापों के

उत्तर-(C)
व्याख्या-
गुप्त साम्राज्य के पतन में हूणों का आक्रमण विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यद्यपि स्कंदगुप्त ने हूणों को परास्त किया था तथापि उसने उत्तर-पश्चिमी सीमा को सुरक्षित करने का प्रयास नहीं किया। बार-बार हूणों के आक्रमण के बावजूद गुप्त राजाओं ने उन्हें रोकने के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई।

Q.36.किस गुप्त शासक ने आक्रमणकारी हूणों से अपने साम्राज्य की सफलतापूर्वक रक्षा की?
(A) स्कंदगुप्त
(B) चंद्रगुप्त प्रथम
(C) चंद्रगुप्त द्वितीय
(D) समुद्रगुप्त

उत्तर-(A)
व्याख्या
– स्कंदगुप्त एवं हूणों के मध्य हुए संघर्ष के विषय में जूनागद अभिलेख, भीतरी अभिलेख, चंद्रगर्भ-परिपृच्छा, चांद्र-व्याकरण तथा कथासरित्सागर से प्रकाश पड़ता है। जूनागद अभिलेख में हूणों को म्लेच्छ कहा गया है।

स्कंदगुप्त ने हूणों को परास्त करने के पश्चात् ‘क्रमादित्य’ की उपाधि धारण की। इस विजय के उपलक्ष्य में उसने शारंग धारण करने वाले भगवान विष्णु की मूर्ति भितरी में स्थापित की।

Q.37.कालिदास कौन थे और किसके समकालीन थे?
(A) हर्षवर्धन शासनकाल में नाटककार थे
(B) गुप्त काल के खगोलशास्त्री थे
(C) इनमें से कोई नहीं
(D) गुप्त काल के कवि थे

उत्तर-(D)
व्याख्या
– कालिदास चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के समकालीन संस्कृत के महान विद्वान एवं कवि थे। इन्होंने कई ग्रंथों की रचना की थीं जिसमें अभिज्ञानशाकुंतलम सबसे प्रसिद्ध महाकाव्य है। इस प्रकार कालिदास गुप्त काल के प्रसिद्ध कवि थे। कालिदास को भारत का शेक्सपियर’ कहा जाता है।

Q.38. आर्यभट्ट किसके लिए प्रसिद्ध थे?
(A) कवि
(B) भौतिक विज्ञानी
(C) गणितज्ञ
(D) वैद्य

उत्तर-(C)

Q.दशमलव प्रणाली सर्वप्रथम किसने चलाई?

व्याख्या– आर्यभट्ट गुप्त काल में भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ थे। इन्होंने सर्वप्रथम दशमलव प्रणाली विश्व को प्रदान की। इनकी प्रसिद्ध पुस्तकें “सूर्य सिद्धांत” एवं “आर्यभट्टीय” हैं।

Q.39.किस गुप्त शासक ने शांतिप्रिय एवं वैदेशिक संबंध स्थापित किया?
(A) चंद्रगुप्त द्वितीय (B) कुमारगुप्त
(C) स्कंदगुप्त
(D) चंद्रगुप्त प्रथम

उत्तर-(B)
व्याख्या
– कुमारगुप्त का लगभग 40 वर्ष का शासनकाल शांति एवं सुव्यवस्था का काल माना जाता है। समुद्रगुप्त एवं चंद्रगुप्त द्वितीय ने जिस विशाल साम्राज्य का निर्माण किया था उसे कुमारगुप्त ने सुसंगठित एवं सुशासित बनाए रखा तथा उसने वैदेशिक संबंधों को भी स्थापित किया।

Q.40.चीनी यात्री ह्वेनसांग ने निम्नलिखित में किसके शासनकाल में भारत का दौरा किया?
(A) अशोक
(B) चंद्रगुप्त मौर्य
(C) हर्षवर्धन
(D) चंद्रगुप्त विक्रमादित्य

उत्तर-(C)
Q.हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत में कौन आया था?

व्याख्या– चीनी यात्री ह्वेनसांग 629 से 644 ई. में हर्षवर्धन के शासनकाल के दौरान भारत में रहा तथा देश के विभिन्न भागों का भ्रमण किया। भारत में इसने अनेक बौद्ध ग्रंथों का अध्ययन किया था। कन्नौज की धर्मसभा का वह अध्यक्ष था जिसका उद्देश्य महायान बौद्ध धर्म के सिद्धांतों का प्रचार करना था। उसने ‘सि-यू-की’ नामक ग्रंथ की रचना की।

Q.41.किस बौद्ध संत और चीन से भारत आए तीर्थयात्री ने बौद्ध धर्म की पवित्र रचनाओं का अनुवाद संस्कृत से चीनी भाषा में किया?
(A) फाह्यान
(B) ह्वेनसांग
(C) आई चिंग
(D) दोशो

उत्तर-(C)
व्याख्या
– इत्सिंग (आई-चिंग) ने 700-712 ई. के मध्य लगभग 56 ग्रंथों का चीनी भाषा में अनुवाद प्रस्तुत किया। ह्वेनसांग के पश्चात इत्सिंग ने भारत की यात्रा की थी।

Q.42.निम्नलिखित में से किस विदेशी यात्री ने ‘तका देश के प्राधान स्वयं खेती करते थे’ कहा है?
(B) मेगस्थनीज
(A) लेनसांग
(C) फाह्यान
(D) निकिटिन

उत्तर-(A)
व्याख्या
– चीनी यात्री ह्वेनसांग हर्षवर्धन के शासनकाल में भारत आया था। उसने 6 वर्षों तक नालंदा विश्वविद्यालय में अध्ययन किया। उसकी भारत यात्रा का वृत्तांत सी-यू की नाम से जाना जाता है। उपर्युक्त कथन उसी का है।

Q.43.निम्न यात्रियों का सही कालानुक्रम है
(A) फाहियान-वेनसांग मेगस्थनीज
(B) ह्वेनसांग-इत्सिंग-थॉमस रो
(C) ह्वेनसांग-फाहियान-इत्सिंग
(D) ह्वेनसांग-फाहियान-थॉमस रो

उत्तर-(B)
व्याख्या-

मेगस्थनीज : 305 ई. पू. (चंद्रगुप्त मौर्य)
फाहियान : 375-415 ई. (चंद्रगुप्त द्वितीयविक्रमादित्य)
हेनसांग : 629 ई. (हर्षवर्धन)
इत्सिंग :700-712 ई.
थॉमस रो : 1615-1619 ई. – मुगल शासक जहांगीर के
दरवार में आने वाले दूसरे शिष्टमंडल का प्रतिनिधि था।

Q.44.हर्षवर्धन ने कौन से काल में शासन किया था?
(A) 8वीं शताब्दी के दौरान (B) 9वीं शताब्दी के दौरान
(C)7वीं शताब्दी के दौरान (D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(C)
व्याख्या
– पुष्यभूति वंश के शासक हर्षवर्धन ने सातवीं शताब्दी दौरान (606-47 ई.) शासन किया था। इसकी राजधानी कन्नौज थी।

Q.45.हर्ष की आत्मकथा निम्नलिखित में से किसने लिखी?
(A) फिरदौसी
(B) बाणभट्ट
(C) वाराहमिहिर (D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(B)
व्याख्या
– हर्ष के दरबारी कवि बाणभट्ट ने ‘हर्षचरित’ की रचना की, जो गर्धन इतिहास का सर्वप्रमुख स्रोत है। इसे ऐतिहासिक विषय पर गद्यकाव्य लिखने का प्रथम सफल प्रयास कहा जा सकता है। इसमें आठ उच्छवास है, प्रथम तीन में बाण ने अपनी आत्मकथा लिखी है तथा शेष पांच में सम्राट हर्षवर्धन का जीवन चरित्र लिखा है।

Q.46.इनमें से कौन राजा हर्षवर्धन के समय की जानकारी के लिए सबसे अच्छा स्रोत है?
(A) भवभूति
(B) हरिसेन
(C) कल्हण
(D) बाणभट्ट

उत्तर-(D)
Q.बाणभट्ट किसके दरबार में रहते थे?

व्याख्या– उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

Q.47.निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सही है?
(A) अश्वघोष – विक्रमादित्य
(B) बाणभट्ट – हर्षवर्धन
(C) हरिसेन – कनिष्क
(D) कालिदास – समुद्रगुप्त

उत्तर-(B)
व्याख्या
– उपर्युक्त प्रश्न की व्याख्या देखें।

Q.48.हर्षवर्धन द्वारा रचित नाटक है?
(A) हर्षवर्धन
(B) कादम्बरी
(C) रत्नावली
(D) दशकुमारचरित

उत्तर-(C)
व्याख्या
– हर्षवर्धन ने तीन नाटकों प्रियदर्शिका, रत्नावली तथा नागानंद की रचना की थी।

Q.49.हर्षवर्धन ने निम्नलिखित में से किसे हराया था?
(A) गोविंद तृतीय (B) कर्क द्वितीय
(C) तैलप प्रथम (D) पुलकेशिन द्वितीय

उत्तर-(D)
व्याख्या
– हर्ष और पुलकेशिन के बीच 634 ई. में नर्मदा नदी के तट पर एक युद्ध हुआ जिसमें हर्ष की पराजय हुई, परंतु सुधाकर चट्टोपाध्याय का विचार है कि इन दोनों राजाओं के बीच होने वाला युद्ध अंतिम युद्ध नहीं था। 643 ई. में हर्ष का कोंगोद पर आक्रमण पुलकेशिन के विरुद्ध था, जिसको जीतकर हर्ष ने अपनी पुरानीपराजय का बदला चुकाया तथा पुलकेशिन के कुछ प्रदेशों पर अधिकार कर लिया।

Q.50.हर्षवर्धन के राज्यकाल में एक बड़ा बौद्ध मठ कहां पर स्थित था?
(A) पाटलिपुत्र
(B) वैशाली
(C) कांचीपुरम् (D) नालंदा

उत्तर-(D)

व्याख्या– नालंदा, बौद्ध मठ, गुप्त काल में कुमारगुप्त प्रथम (415-454) ने स्थापित कराया था। वह हर्षवर्धन के राज्यकाल में भी स्थित था।

Q.51.कन्नौज के हर्ष के समय में निम्नलिखित में से कौन बंगाल का समकालीन राजा था?
(A) शशांक
(B) ध्रुवसेन
(C) पुलकेशिन द्वितीय (D) मारकर वर्मा

उत्तर-(A)
व्याख्या-
कन्नौज के शासक हर्षवर्धन के समय बंगाल का समकालीन राजा शशांक था। शशांक को बंगाल के यशस्वी शासकों में गिना जाता था। इसकी राजधानी कर्णसुवर्ण थी, जिसकी पहचान मुर्शिदाबाद जिले के अंतर्गत ‘रांगामाटी’ नामक करबे से की गई है।

Q.52.हर्ष के शासनकाल में उत्तर भारत का सबसे महत्वपूर्ण शहर कौन-सा था?
(A) पाटलिपुत्र
(B) उज्जैन
(C) कन्नौज
(D) थानेश्वर

उत्तर-(C)
Q.गंगा नदी के किनारे स्थित हर्ष साम्राज्य के शासन की राजधानी कौन-सी थी?

व्याख्या– कन्नौज का प्राचीन नाम कान्यकुब्ज था, जो ब्राह्मणों का भी केंद्र था। कन्नौज के वैभव का युग सातवीं सदी से प्रारंभ हुआ,जब हर्षवर्धन ने इसे अपनी राजधानी बनाया, इससे पूर्व यह मौखरी वंश की राजधानी थी। हर्ष के समय यह नगरी हिन्दू, बौद्ध विद्या और शिक्षा की केंद्र स्थली थी। सातवीं से बारहवीं सदी तक इसका अनवरत विकास होता रहा।

Q.53.गंगों की प्रथम राजधानी थी?
(A) मन्ने
(B) तलक्काडु
(C) कोलर
(D) इनमें से कोई नहीं

उत्तर-(C)
व्याख्या
– गंगों की प्रथम राजधानी ‘कुवॉलाल (कोलर)’ थी जो बाद में तलक्काडु हो गई।

Q.54.कामरूप किसका प्राचीन नाम है?
(A) बंगाल
(B) बिहार
(C) उड़ीसा
(D) असम

उत्तर-(D)

व्याख्या– असम का ही प्राचीन नाम कामरूप था। असम का एक प्राचीन नाम प्राग्ज्योतिषपुर भी है।

Q.55.बंगाल के पाल वंश का संस्थापक कौन था?
(A) दामोदर
(C) धर्मपाल
(B) गोपाल
(D) देवपाल

उत्तर-(B)
व्याख्या
– बंगाल के पाल वंश की स्थापना गोपाल ने 750 ई. में की थी। बंगाल की अराजकता को देखकर बंगाल के प्रमुख व्यक्तियों ने गोपाल को शासक के रूप में चुना था। गोपाल के पुत्र धर्मपाल ने विक्रमशिला तथा सोमपुरी (पहाड़पुर) में प्रसिद्ध विहारों की स्थापना की।

Q.56.बंगाल का प्राचीन नाम क्या था?
(A) कामरूप
(B) वस्ता
(C) गौड़
(D) वल्लभी

उत्तर-(C)
व्याख्या
– बंगाल का प्राचीन नाम ‘गौड़’ था। कहा जाता है कि इस प्रदेश से प्रचुर मात्रा में गुड़ का निर्यात होने के कारण इसे गौड़ कहा जाता था। नवीं-दसवीं शताब्दी में यहां पाल वंश का शासन था। सेन वंश के शासनकाल (12वीं शताब्दी) में बंगाल की राजधानी लखनौती थी। ह्वेनसांग एवं बाणभट्ट के अनुसार,’बंगाल का प्राचीन नाम गौड़ देश’ था। हर्ष का समकालीन राजा शशांक गौड़ नरेश था।

Q.57.महान तमिल साहित्य ‘शिलप्पादिकारम्’ के रचयिता कौन हैं?
(A) भारती
(B) तिरुवल्लवर
(C) इलिंगो
(D) कारीकलन

उत्तर-(C)
व्याख्या
– शिलप्पादिकारम् की रचना इलिंगो अदिंगल ने की थी। यह चेर शासक सेनगुट्टवन का छोटा भाई था। इस ग्रंथ में पुहार (कावेरीपत्तनम्) के एक प्रसिद्ध धनी व्यापारी के पुत्र कोवलन एवं उसकी पत्नी कन्नगी की कहानी का वर्णन किया गया है।

Q.58.’तमिल रामायण’ किसकी कृति है?
(A) अंदाल की
(B) जयनगोंदार की
(C) कम्बन की
(D) रामानुज की

उत्तर-(C)
व्याख्या
– चोल शासक कुलोत्तुंग तृतीय के शासनकाल के प्रसिद्ध कवि कम्बन ने ‘तमिल रामायण’ अथवा ‘रामावतारम्’ की रचना की। यह तमिल साहित्य का महाकाव्य है। इसकी कथा वाल्मीकि रामायण की कथा से मिलती-जुलती है।

Q.59.चोल राजा जिसे ‘गंगई कोंड’ कहा जाता है?
(A) राजराज
(B) राजेन्द्र
(C) कुलो त्तुंग

व्याख्या– राजेन्द्र प्रथम ने पूर्वी भारत में गंगा नदी तक सफल सैनिक अभियान के पश्चात ‘गंगई-कोंड’ की उपाधि धारण की।

Q.60.किस चोल राजा ने श्रीलंका पर कब्जा किया?
(A) आदित्य ।
(B) राजराज ।
(D) विजयालय
(C) राजेन्द्र

उत्तर-(C)
व्याख्या
– चोल राजा राजराज I ने सिंहल द्वीप के उत्तरी भाग पर अधिकार कर अनुराधापुर के स्थान पर पोलोन्नरुव को अपनी राजधानी बनाया तथा इसका नाम ‘जननाथ मंगलम्’ रख दिया,किंतु संपूर्ण सिंहल (श्रीलंका) पर अधिकार राजेन्द्र प्रथम ने किया। करन्दै तामपत्रों में राजेन्द्र की इस विजय का विस्तृत विवरण प्राप्त होता है। श्रीलंका का पराजित राजा महिन्द् पंचम था।

Q.61.चोल वंश का अंतिम शासक कौन था?
(A) राजराजा प्रथम (B) राजेन्द्र द्वितीय
(C) राजराजा द्वितीय (D) पुलकेशिन द्वितीय

उत्तर-(C)
व्याख्या-

राजराजा प्रथम का शासनकाल – 985-1015 ई.
राजेन्द्र द्वितीय का शासनकाल – 1052-1064 ई.
राजराजा द्वितीय का शासनकाल – 1150-1173 ई.

इस प्रकार चोल वंश का अंतिम शासक राजराजा द्वितीय था,जबकि पुलकेशिन द्वितीय (610-642) चालुक्य वंशी शासक था।

Q.62.किसके शासनकाल में ग्रामीण समुदाय को बहुत सारे अधिकार दिए गए?
(A) चोल
(B) मुगल
(C) ब्रिटिश
(D) पाल

उत्तर-(A)

व्याख्या– चोल शासन अपने ग्रामीण प्रशासन के लिए काफी प्रसिद्ध था। ग्रामों में मुख्यतः दो तरह की संस्थाएं कार्यरत थी पहली उर तथा दूसरी सभा या महासभा। घर की बैठकों में सभी प्रामवासी सम्मिलित होते थे। दूसरी संस्था सभा या महासभा अग्रहार (ब्राहमणों) को दान में दिए गए ग्रामों में होती थी।

Q.63.निम्नलिखित में से कौन सा नौसैनिक शक्ति था?
(A) बहमनी
(B) चालुक्य
(C) चोल
(D) राष्ट्रकूट

उत्तर-(C)

व्याख्या– दक्षिण भारत में चोल साम्राज्य एक शक्तिशाली साम्राज्य था। इसकी नौसैनिक शक्ति बहुत प्रबल थी। इसकी सहायता से चोलों ने जावा, सुमात्रा, मालदीव, श्रीलंका इत्यादि साम्राज्यों पर विजय प्राप्त की थी।

Q.64.प्रशासन के क्षेत्र में चोल राजवंश का मुख्य योगदान है
(A) सुनियोजित प्रांतीय प्रशासन में
(B) एक सुआयोजित राजस्व प्रणाली में
(C) एक सुसंगठित केंद्रीय सरकार में
(D) एक संगठित स्थानीय स्वशासन में

उत्तर-(D)
Q.इतिहास में चोल शासक किस प्रकार के प्रशासन के लिए प्रसिद्ध हैं?

व्याख्या– चोल प्रशासन की सबसे उल्लेखनीय विशेषता वह असाधारण शक्ति तथा क्षमता है, जो स्वायत्तशासी ग्रामीण संस्थाओं के संचालन में परिलक्षित होती है। वस्तुतः स्वायत्त शासन पूर्णतया ग्रामों में ही क्रियान्वित किया गया। परान्तक । कालीन उत्तर-मेरुर से प्राप्त दो
अभिलेखों के आधार पर हम चोल ग्राम शासन-प्रणाली का विस्तृत विवरण प्राप्त करते हैं।

Q.65.राष्ट्रकूट वंश को निम्नलिखित में से किसके द्वारा उखाड़ फेंका गया था?
(A) राजा जय सिंह (B) पुलकेशिन द्वितीय
(C) विक्रमादित्य षष्ठ (D) तैलप द्वितीय

उत्तर-(D)
व्याख्या
– 973-74 ई. में चालुक्य राजा तैलप द्वितीय ने राष्ट्रकूट वंश के अंतिम शासक कर्क द्वितीय को परास्त करके राष्ट्रकूट राज्य पर अधिकार कर लिया तथा कल्याणी के चालुक्य वंशीय राज्य की स्थापना की।

Q.66.पाण्ड्यों का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक केंद्र था
(A) वेंगी
(B) मदुरै
(C) कांचीपुरम् (D) महाबलीपुरम्

उत्तर-(B)
व्याख्या-
पाण्ड्यों का राजनीतिक एवं सांस्कृतिक केंद्र मदुरै था। मदुरै पाण्ड्यों की राजधानी थी। संगमकालीन महाकाव्य शिलप्पादिकारम् में मदुरा का एक सुसज्जित नगर के रूप में वर्णन किया गया है। इस नगर का दूसरा नाम ‘कदम्ब वन’ था। ह्वेनसांग ने इस नगर का उल्लेख ‘मलकूट’ नाम से किया है।

Q.67.पल्लव राज्य की राजधानी थी-
(A) चेन्नापट्टिनम (B) महाबलीपुरम
(C) कांचीपुरम् (D) मदुरै

उत्तर-(C)

Q.कांचीपुरम् निम्नलिखित में से किस राज्य में स्थित है?

व्याख्या- सुदूर दक्षिण में शासन करने वाले पल्लव राजवंश की राजधानी कांची अथवा कांचीपुरम् (वर्तमान तमिलनाडु का जनपद कांजीवरम्) थी। चीनी यात्री ह्वेनसांग के अनुसार, तत्समय वहाँ सौ से अधिक बौद्ध विहारों में दस हजार भिक्षु निवास करते थे दक्षिण में चोलों को पराजित कर पल्लव राज्य की स्थापना सिंह
विष्णु ने की थी।

Q.68.पश्चिम भारत में चालुक्य साम्राज्य के बाद किसका साम्राज्य आया?
(A) चोल
(B) काकतीय
(C) पल्लव
(D) राष्ट्रकूट

उत्तर-(D)
व्याख्या
– राष्ट्रकूटों का मूल स्थान लाटूर (बीदर) माना गया है।बाद में इनकी राजधानी मान्यखेट स्थानांतरित हो गई। इस वंश को स्वतंत्र सत्ता के रूप में दन्तिदुर्ग ने स्थापित किया था।दन्तिदुर्ग पहले बादामी या वातापी के चालुक्यों का सामंत था।

Q.69.चालुक्यों की राजधानी कहां थी?
(A) हलेबिड
(B) श्रीरंगपट्टम
(C) बादामी
(D) मदुरै

उत्तर-(C)

व्याख्या– चालुक्यों की राजधानी बादामी या वातापी (वर्तमान कर्नाटक में बागलकोट जिले में) थी। जयसिंह चालुक्यों का प्रथम ऐतिहासिक शासक था।

Q.70.पुलकेशिन द्वितीय किससे पराजित हुआ था?
(A) नरसिंहवर्मन द्वारा
(B) सिंहविष्णु द्वारा
(C) महेन्द्रवर्मन द्वारा
(D) राजाराज द्वारा

उत्तर-(A)
Q.पुलकेशिन राजा किस राज्य के थे?

व्याख्या– चालुक्य वंशीय पुलकेशिन | पल्लव शासक) नरसिंहगमन प्रथम द्वारा पराजित हुआ था। कूरम अभिलेख में नरसिहवर्मन की इस सफलता का उल्लेख मिलता है। इसके अनुसार, नरसिंहवर्मन ने पुलेकिशन को परियाल, शूरमार तथा मणिमंगलम् के युद्धों में पूर्णरूपेण पराजित किया तथा उसकी पीत पर विजयाक्षर अपित कर दिया। बाद में नरसिंहवर्मन ने चालुक्य की राजधानी वातापी पर अधिकार करके ‘वातापीकोण्ड’ उपाधि धारण की।

Q.71.चालुक्य शासक, पुलकेशिन द्वितीय ने किसे हराया?
(A) समुदगुप्त
(B) चंद्रगुप्त द्वितीय
(C) हर्षवर्धन
(D) धर्मपाल

उत्तर-(C)
Q.चालुक्य शासक पुलकेशिन द्वितीय ने किस नदी के किनारे हर्षवर्धन को हराया था?

व्याख्या– चालुक्य शासक, पुलकेशिन II ने हर्षवर्धन को पराजित किया था। पुलकेशिन की एहोल प्रशस्ति में उसकी इस सफलता का उल्लेख मिलता है। यह युद्ध नर्मदा नदी के तट पर हुआ था। एहोल लेख एक प्रशस्ति के रूप में है तथा इसकी भाषा संस्कृत है।इसकी लिपि दक्षिण ब्राह्मी है। इस लेख की रचना रविकीर्ति ने की थी। प्रशस्ति के अंत में लेखक ने यह दावा किया है कि उसने इसे लिखकर कालिदास तथा भारवि के समान यश प्राप्त किया है।

Q.72.चालुक्यों ने अपना साम्राज्य कहां स्थापित किया था?
(A) सुदूर दक्षिण में
(B) मालवा में
(C) दक्षिण में
(D) गुजरात में

उत्तर-(C)
व्याख्या
– चालुक्यों ने अपना साम्राज्य दक्षिण में स्थापित किया था।सुदूर दक्षिण में पाण्ड्यों का शासन था जबकि मालवा में परमारों ने शासन किया था।

Q.73.काकतीय वंशी कहां के शासक थे?
(A) गुजरात
(B) राजस्थान
(C) केरल
(D) आंध्र प्रदेश

उत्तर-(D)

व्याख्या– काकतीय वंश ने आंध्र प्रदेश में शासन किया। वारंगल इनकी राजधानी थी। काकतीय लोग स्वर्य को चोल करिकाल का वंशज मानते थे।

Q.74.निम्नलिखित राज्यों और उनके शासित क्षेत्रों के बीच में कौन सा बेमेल है?
(A) पाण्ड्य-वेलूर
(B) होयसल-द्वारसमुद्र

(C) यादद-देवगिरि
(D) काकतीय-वारंगल
उत्तर-(A)
व्याख्या
– पाड्यों को राजधानी मदुरै थी, जबकि द्वारसमुद्र होयसलों की, देवगिरि यादवों की तथा वारंगल काकतीयों की राजधानी थी

Q.75.पंजाब के हिन्दू शाही राजवंश को किसने स्थापित किया?
(A) वतुमित्र
(B) कल्लर
(C) जयपाल
(D) महिपाल

उत्तर-(B)
व्याख्या
– कल्लर नामक ब्राह्मण मंत्री ने कश्मीर के शाही वंश के अंतिम शासक लगतुरमान को अपदस्थ करके राजसत्ता पर अधिकार कर लिया तथा हिन्दू शाही राजवंश की नींव डाली। मुस्लिम आक्रमण के पूर्व यहां जयपाल शासन कर रहा था। हिन्दू शाही राजवंश की राजधानी उद्भाण्डुपुर थी। राजतरंगिणी में राजा कल्लर को ‘लालिया शाही कहा गया है।

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