Cells kya hota hai

नमस्कार दोस्तों आज की पोस्ट में हम कोशिका cells kya hota hai?, इसके बारे में जानेंगे कि कोशिका कितने प्रकार की होती है ,इसकी संरचना कैसी होती है, कोशिका झिल्ली की संरचना एवं कार्य एवं cells थ्योरी कोशिका सिद्धांत और कोशिका के कार्य की सभी पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे आइए जानते हैं

कोशिका (cells)

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जैसे कि आप जानते हैं हर चीज किसी ने पदार्थ से बनी है जैसे मकान ईट से वाहन धातुओं से तथा अन्य पदार्थ किसी न किसी अणुओं से मिलकर बनी है इसी प्रकार हर जीवित प्राणी कोशिकाओं (cells) से मिलकर बनी हुई है सजीवों के शरीर की रचनात्मक एवं कार्यात्मक जीवन की सबसे छोटी इकाई है यह स्वत: ही जनन का सामर्थ्य रखती है यह विभिन्न पदार्थों का वह छोटे से छोटा संगठित रूप है जिसमें वह सभी क्रियाएं होते हैं जिन्हें हम सामूहिक रूप से जीवन कहते हैं।

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Cells kya hota hai कोशिका क्या होता है?

कोशिका‘ का अंग्रेजी शब्द सेल cell लेटिन भाषा के ‘शेलुला‘ शब्द से लिया गया है जिसका अर्थ एक छोटा कमरा होता है सजीव जैसे जीवाणुओं के शरीर एक ही कोशिका से बने होते हैं उन्हें एक कोशिकीय जीव कहते हैं।

किंतु कुछ सजीव जैसे मनुष्य का शरीर बहु कोशिकाओं से मिलकर बना होता है उन्हें बहू कोशिकीय कहते हैंकोशिका शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अंग्रेज वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने सन 1665 ईस्वी सरल सूक्ष्मदर्शी द्वारा कार्क के टुकड़े  में मधुमक्खी के छत्ते जैसी संरचना देेखी जो कि वास्तव में मृत पादप कोशिकाओं की कोशिका भित्ति से बनी संरचनाएं थी म रॉबर्ट हुक नेेे इस संरचनाओं को  ‘सेलुला’ कहा।

तथा 1839 में श्लाइडेन और स्वान ने कोशिका का सिद्धांत प्रतिपादित किया जिसके अनुसार सभी सजिवों का शरीर एक या एक से अधिक कोशिकाओं से मिलकर बना होता है तथा सभी कोशिकाओं की उत्पत्ति पहले से उपस्थित किसी कोशिका (cells) से ही होती है

Cells kya hota hai

सजीवों की सभी जैविक क्रियाएं कोशिका के अंदर होती है कोशिका के भीतर ही सभी अनुवांशिक सूचनाएं होती है जिनसे कोशिका के कार्यों का नियंत्रण होता है तथा सूचनाएं अगली पीढ़ी में स्थानांतरित होती हैं कोशिका के अध्ययन के विज्ञान को cytology या कोशिका जैविकी cell biology कहा जाता है।

Cell principle कोशिका सिद्धांत

जर्मन पादप वैज्ञानिक स्लाइडेन और स्वान जो जंतु वैज्ञानिक थे अपने अपने खोजो के आधार पर कोशिका के बारे में जो मत प्रदान कीये उसे ही कोशिका सिद्धांत या cell principal कहते हैं। इनके अनुसार कोशिका जीवन की सबसे छोटी कार्यात्मक एवं रचनात्मक इकाई है नई कोशिकाओं की उत्पत्ति पहले से मौजूद कोशिकाओं से होती है सभी सजिवो का शरीर एक या अधिक कोशिकाओं से बने होते हैं प्रत्येक कोशिका का निर्माण सजीव द्रव्य जीव द्रव्य से हुआ है।

Types of cell कोशिका के प्रकार

कोशिका मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं । प्रोकैरियोटिक (procaryotic cells ) तथा यूकैरियोटिक (eucaryotic cells ) जो इस प्रकार हैं

Procaryotic cells प्रोकैरियोटिक

इन कोशिकाओं में हिस्टोन प्रोटीन नहीं होता है जिसके कारण क्रोमैटिन नहीं बन पाता है केवल DNA का सूत्र ही गुणसूत्र के रूप में पड़ा रहता है अन्य कोई आवरण इसे घेरे नहीं रहता है। अतः केंद्रक नाम की कोई विकसित कोशिकांग इसमें नहीं होता है जीवाणुओं एवं नील हरित शैवालों मैं ऐसी ही कोशिकाएं मिलती हैं। इनमें केंद्रक के चारों ओर पाई जाने वाली झिल्ली अनुपस्थित होती है और यह प्रारंभिक कोशिकाएं हैं यह एक कोशिकीय होते हैं। इन कोशिकाओं के कला विहीन केंद्रक को आरंभि केंद्रक कहते हैं।

Eucaryotic cells यूकैरियोटिक

इन कोशिकाओं में दोहरी झिल्ली के आवरण केंद्रक आवरण से गिरा सुस्पष्ट केंद्रक पाया जाता है जिसमें DNA वही हिस्टोन प्रोटीन के संयुक्त होने से बने क्रोमैटिन तथा इसके अलावा केंद्रिका (Nucleolus) होते हैं जीव विज्ञान में सु केंद्रिक कोशिकाओं वाले जीवो टेक्सोन को यूकैरियोटिक कहते हैं।

प्रोकैरियोटिक व यूकैरियोटिक कोशिकाओं में अंतर Difference between prokaryotic and ukaryotic cells

प्रोकैरियोटिक prokaryotic
  1. कोशिका भित्ति प्रोटीन तथा कार्बोहाइड्रेट की बनी होती है।
  2. माइक्रो कंडिया अनुपस्थित होता है।
  3. एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम अनुपस्थित होता है।
  4. राइबोसोम 70s प्रकार के होते हैं।
  5. गॉल्जीकाय अनुपस्थित होते हैं।
  6. केंद्रक झिल्ली अनुपस्थित होती है।
  7. लाइसोसोम अनुपस्थित होते हैं।
  8. DNA एकल सूत्र के रूप में होते हैं।
  9. केंद्रिका अनुपस्थित होती है।
  10. लिंग प्रजनन नहीं पाया जाता है।
  11. प्रकाश संश्लेषण थायलेकाइड में होता है।
  12. कोशिका विभाजन अर्धसूत्री प्रकार का होता है।
यूकैरियोटिक eukaryotic
  1. कोशिका भित्ति सेलुलोज की बनी होती है।
  2. माइक्रो कंडिया उपस्थित होता है।
  3. एंडोप्लास्मिक रेटिकुलम उपस्थित होते हैं।
  4. राइबोसोम 80s प्रकार के होते हैं।
  5.  गाल्जीकाय उपस्थित होते हैं।
  6. केंद्रक झिल्ली उपस्थित होती है।
  7. लाइसोसोम उपस्थित होते हैं।
  8. DNA पूर्ण विकसित एवं दोहरे सूत्र के रूप में होते हैं।
  9. केंद्रीका का उपस्थित होता है।
  10. स्वसन माइटोकांड्रिया द्वारा होता है।
  11. लिंग प्रजनन पाया जाता है।
  12. प्रकाश संश्लेषण क्लोरोप्लास्ट में होता है।
  13. कोशिका विभाजन अर्धसूत्री यह समसूत्री प्रकार का होता है।

कोशिका के कार्य एवं संरचना Cassial and structure of the cell

कोशिका भित्ति (cell wall)

यह केवल पादप कोशिका में पाया जाता है यह सैलूलोज का बना होता है इसे कोशिका भित्ति कहते हैं यह अपेक्षाकृत एक सुरक्षात्मक परत है जो पादप कोशिका को निर्णय आकार प्रदान करती हैं यह अपेक्षाकृत पतली होती है प्राया कोशिका भित्ति में बाहर से भीतर की ओर निम्नलिखित पढ़ते होते हैं।

मध्य पटलिका (middle lamella)

यह कोशिका भित्ति की मुख्य परत है एवं दो निकटवर्ती कोशिकाओं की वृद्धि के मध्य सीमेंट की भांति कार्य करती है।

प्राथमिक कोशिका भित्ति (primary cell wall)

यह सैलूलोस 30%, हेसीसैलूलोस के सूक्ष्म तंतु 53%, प्रोटीन ,पेक्टिन 5% एवं वसा 7% की बनी पतली भित्ति हैं।

द्वितीयक कोशिका भित्ति (secondary cell wall)

यह प्राथमिक कोशिका भित्ति में पेक्टिन लिगि्नन इन आदि पदार्थों के जमाव होने से बनी मोटी परत है।

कोशिका भित्ति के कार्य (functions of cell wall)

कोशिका भित्ति बैक्टीरिया, पादपों, कवको को आदि की कोशिकाओं को तनु विलयन में बिना टूटे उनका आकार बनाए रखती हैं।

यह वायव्य पौधों को गुरुत्वाकर्षण शक्ति के विपरीत ऊर्ध्व खडे रहने में सहायता करते हैं।

कोशिकाओं को सूखने से बचाती है एवं रोगाणुओं को कोशिका में जाने से रोकते हैं।

कोशिका झिल्ली (cell membrane)

सभी कोशिकाओं में जीव द्रव्य के चारों ओर एक पतली झिल्ली पाई जाती है जिसे कोशिका कला कहते हैं यह अत्यंत पतली लचीली अर्ध्दपारगम्य दिल्ली होती है इलेक्ट्रॉन सूक्ष्मदर्शी के बिना इसे देखना संभव नहीं होता है इसका निर्माण प्रोटीन व वसा की परतों से होता है इसमें 60-80% प्रोटीन, 20-40% वसा, व 5% कार्बोहाइड्रेट्स उपस्थित होता है यह पदार्थों के कोशिका में आने व बाहर जाने को नियंत्रित करती है।

तारककाय (centrosome)

इसकी खोज बोबेरी ने की थी यह केवल जंतु कोशिका में पाया जाता है तारककाय के अंदर एक या दो कण जैसी रचना होती है, जिन्हें सेंट्रियोल कहते हैं समसूत्री विभाजन में यह ध्रुव का निर्माण करता है।

अन्त:प्दव्य जालिका (endoplasmic reticulum)

एक और यह केंद्रक झिल्ली से वह दूसरी ओर कोशिका कला से संम्बध्द होता है इस जालिका के कुछ भागों पर किनारे-किनारे छोटी-छोटी कणिकाएं लगी रहती हैं जिन्हें राइबोसोम कहते हैं E.R का मुख्य कार्य उन सभी वसा और प्रोटीनों का संचरण (transpiration) करना है जो कि विभिन्न झिल्लीयो (membranes) जैसे कोशिका झिल्ली, केंद्रक झिल्ली आदि का निर्माण करते हैं।

राइबोसोम (Ribosome)

सर्वप्रथम रॉबिंसन एवं ब्राउन ने 1953 ईस्वी में पादप कोशिका में तथा जी.ई पैलाडे ने 1955 ईस्वी में जंतु कोशिका में राइबोसोम को देखा और 1958 ईस्वी में राबर्ट ने इसका नामकरण किया।

राइबोन्यूक्लिक एसिड (ribonucleic acid_RNA) नामक अम्ल व प्रोटीन की बनी होती है यह प्रोटीन संश्लेषण के लिए उपयुक्त स्थान प्रदान करती है अर्थात यह प्रोटीन का उत्पादन करती है इसलिए इसे प्रोटीन की फैक्ट्री (factory of protein) भी कहा जाता है।

माइटोकांड्रिया (Mitochondria)

Cells kya hota hai

यह कणिकामय धागे नुमा संरचना है इसलिए इसे सूत्र कणिका भी कहते हैं सन् 1880 मैं कोलीकर ने सर्वप्रथम कीटों की पेशियों में से इसे खोजा। फ्लेमिंग (Flemming) ने ‘फाइल’ व अल्टमान  (Altman) ने इसे बायोप्लास्ट कहा। बेन्डा (Benda) ने इसे माइक्रो कंडिया कहा तथा पूर्व केंद्रीकीय कोशिका व वयस्क स्तनी RBCs में यह अनुपस्थित होता है। प्रायः कोशिका में इनकी संख्या 50 से 5000 तक होती है इसको कोशिका का शक्ति ग्रह (Power house) कहते हैं क्योंकि स्वसन क्रिया द्वारा ऊर्जा ATP का उत्पादन यही होता है

माइक्रो कंडिया दोहरी प्लाज्मा झिल्ली युक्त कोशिकांग है बाहरी झिल्ली छिद्र युक्त तथा अंतः झिल्ली बहुत अधिक फोल्डेड होती है यह कोशिकांग अपना प्रोटीन स्वयं बना सकते हैं क्योंकि इन में अपने डीएनए एवं राइबोसोम्स पाए जाते हैं।

गाल्जीकाय (Golgi body)

इसकी खोज कैमिलो गाल्जी (इटली) नामक वैज्ञानिक ने की थी यह सूचना नलिकाओं (Tubules) के समूह एवं थैलियों का बना होता है

गाल्जी कांम्प्लेक्स में कोशिका द्वारा संश्लेषित प्रोटीनों और अन्य पदार्थों की पुटिकाओं के रूप में पैकिंग की जाती है यह पुटिकाए गंतव्य स्थान पर उस पदार्थ को पहुंचा देती हैं यदि कोई पदार्थ कोशिका से बाहर स्रावित होता है तो उस पदार्थ वाली पुटिकाए उसे कोशिका झिल्ली के माध्यम से बाहर निकलवा देती हैं।

इस प्रकार गाजी काय को हम कोशिका के अणुओं का यातायात प्रबंधन भी कह सकते हैं यह कोशिका-भित्ति एवं लाइसोसोम का निर्माण भी करते हैं गाल्जी काम्प्लेक्स मैं साधारण संकरा से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण होता है जो राइबोसोम में निर्मित प्रोटीन से मिलकर ग्लाइकोप्रोटीन बनाता है।

लाइसोसोम (Lysosome)

इसकी खोज डी-डूवे नामक वैज्ञानिक ने की थी यह सूक्ष्म,गोल, इकहरी, दिल्ली से गिरी थैली जैसी रचना होती है इसका सबसे प्रमुख कार्य बाहरी पदार्थों का भक्षण व पाचन करना है इसमें 24 प्रकार के एंजाइम पाए जाते हैं इसे आत्महत्याा की थैली (Suicide vesicles) भी कहा जाता है।

केंद्रक (Nucleus)

Cells kya hota hai

एक कोशिका का सबसे प्रमुख अंग होता है यह कोशिका के प्रबंधन के समान कार्य करता है केंद्रक द्रव्य में धागे नुमा पदार्थ जाल के रूप में बिखरा दिखलाई पड़ता है इसे क्रोमैटिन कहते हैं यह प्रोटीीन एवं DNA (Deoxy Ribonuclic Acid) का बना होता है।

कोशिका विभाजन के समय क्रोमैटिंन सिकुड़ कर अनेक मोटे व छोटे धागे के रूप में संगठित हो जाते हैं। इन धागों को गुणसूत्र (chromosome) कहते हैं।प्रत्येक जाति के जीव धारियों में सभी कोशिकाओं के केंद्रक में गुणसूत्र की संख्या निश्चित होती है जैसे मानव में 23 जोड़ा, चिंपांजी में 24 जोड़ा, बंदर में 21 जोड़ा।

प्रत्येक गुणसूत्र में जेली के समान है एक गाढ़ा भाग होता है जिसे मैट्रिक्स (matrix) कहते हैं। मैट्रिक्स में दो परस्पर लिपटे महीन एवं कुंडलित सूत्र दिखलाई पड़ते हैं जिन्हें क्रोमोनिमाटा (chromonemata) कहते हैं प्रत्येक क्रोमोनिमाटा एक  अर्ध गुणसूत्र (chromatid) कहलाता है इस प्रकार प्रत्येक गुणसूत्र दो क्रोमैटीड का बना होता है दोनों क्रोमैटिड एक निश्चित स्थान पर एक दूसरे से जुड़े होते हैं जिसे सेंट्रोमियर (Centromere) कहते हैं।

गुणसूत्रों पर बहुत से जीन स्थित होते हैं, जो एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक लक्षणों को हस्तांतरित करते हैं और हमारे अनुवांशिक गुणों के लिए उत्तरदाई होते हैं क्योंकि यह जीन गुणसूत्रों पर स्थित होते हैं एवं गुणसूत्रों के माध्यम से ही पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होते हैं इसलिए गुणसूत्रों को वंशागति का वाहक कहा जाता है।

क्रोमैटिन के अलावा केंद्रक में एक सघन गोल रचनाएं दिखलाई पड़ती हैं इसे केंद्रिका (Nucleolus) कहते हैं इसमें राइबोसोम के लिए RNA (Ribonucleic Acid) का संश्लेषण होता है।

लवक (Plastid)

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यह केवल पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं यह तीन प्रकार के होते हैं। हरित लवक (Chloroplast), अवर्णी लवक (Leucoplast) एवं वर्णी लवक (Chloroplast)

रसधानी (Vacuoles)

यह कोशिका की निर्जीव रचना है इसमें तरल पदार्थ भरी होती है जंतु कोशिका में यह अनेक वह बहुत छोटी होती है परंतु पादप कोशिका में प्रायः बहुत बड़ी और केंद्र में स्थित होती है ।

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कोशिका विभाजन (Cell division)

कोशिका विभाजन को सर्वप्रथम 1855 ई. में विरचाऊ ने देखा कोशिका का विभाजन मुख्यतः तीन प्रकार से होते हैं। 1. असूत्री विभाजन (Amitosis), 2 समसूत्री विभाजन (Mitosis) , 3. व  अर्धसूत्री विभाजन (Meiosis)।

 कुछ महत्वपूर्ण तथ्य (Some important facts)
  1. कोशिका जीवन की सबसे छोटी कार्यात्मक एवं संरचनात्मक इकाई है।
  2. कोशिका के अध्ययन के विज्ञान को (Cytology) कहां जाता है।

कोशिका (cells kya hota hai?) शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम अंग्रेज वैज्ञानिक रॉबर्ट हुक ने सन 1665 ईस्वी में किया था।

  1. सबसे छोटी कोशिका जीवाणु माइकोप्लाज्म गैलिसेप्टिकमा (Mycoplasm gallisepticuma) की हैं।
  2. सबसे लंबी कोशिका तंत्रिका-तंत्र की कोशिका है ।
  3. सबसे बड़ी कोशिका शुतुरमुर्ग के अंडे की कोशिका है।
  4. कोशिका सिद्धांत का प्रतिपादन 1839 में लाइडेन और स्वान ने किया ।
  5. प्रत्येक जीव की उत्पत्ति एक कोशिका से होती है
  6. प्रत्येक जीव का शरीर एक या अनेक कोशिकाओं का बना होता है।
  7. प्रत्येक कोशिका एक स्वाधीन इकाई है तथा सभी कोशिकाएं मिलकर काम करती हैं फल स्वरुप एक जीव का निर्माण होता है।
  8. कोशिका का निर्माण किस क्रिया से होता है उसे केंद्रक मुख्य करता (Creator) होता है।

Cells kya hota hai? प्रत्येक जीव का शरीर छोटी-छोटी स्वतंत्र रूप से जीवित रह पाने वाली इकाइयों अर्थात कोशिकाओं से बना होता है कोशिका में हुए सभी भौतिक रासायनिक एवं अनुवांशिक सूचनाएं (genetic information)संग्रहित होती हैं जो उसे स्वतंत्र रूप से जीवित रहने के योग्य बनाती हैं अर्थात हमारे शरीर में कोशिका एकमात्र ऐसी सूक्ष्मतम संरचना है जो की बहू कोशिकीय अथवा एक कोशिकीय जीव में स्वतंत्र रूप से रह सकती है।

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इस पोस्ट में सेल्स क्या है cells kya hota hai? पूरी जानकारी दी गई है फिर भी किसी भी प्रकार की त्रुटि होने पर आप हमें अपने कमेंट के द्वारा अवश्य अवगत कराएं इसमें यथासंभव अवश्य सुधार किया जाएगा इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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