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Blood (रक्त) Blood kya hota hai in Hindi | रक्त किसे कहते हैं?
Blood kya hota hai in Hindi रक्त किसे कहते हैं? रक्त एक तरल संयोजी उत्तक (liquid connective tissue) होता है। यह अपारदर्शी, चिपचिपा सा तरल होता है मनुष्य में रक्त शरीर भार का लगभग 7 से 8 % होता है रक्त की उत्पत्ति भ्रूण की मिसोडर्म (mesoderm) से होती हैं।
रक्त एक क्षारीय विलयन का है जिसका pH मान 7.4 होता है। एक वयस्क मनुष्य में औसतन 5-6 लीटर रक्त होता है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में 1/2 लीटर रक्त कम होता है।
1.Blood kaise banta hai रक्त के प्रकार (types of blood)
Blood kaise banta hai ब्लड कैसे बनता है एवं रक्त रक्त में दो प्रकार के पदार्थ पाए जाते हैं ,1 प्लाज्मा (plasma), 2 रुधिराणु (blood corpuscles)।
* प्लाज्मा (Plasma) : blood kya hota hai ine Hindi
यह हल्के पीले रंग का सांफ पारदर्शी निर्जीव मैट्रिक्स होता है यह रक्त का अ जीवित तरल भाग होता है रक्त का लगभग 60 % भाग प्लाज्मा होता है। इसका 90% भाग जल, 7 % प्रोटीन,0.9% लवण और 0.1% ग्लूकोज होता है।शेष पदार्थ बहुत कम मात्रा में पाया जाता है।
प्लाज्मा के कार्य: पचे हुए भोजन एवं हार्मोन का शरीर में संवहन राजमा के द्वारा ही होता है
सेरम (serum):जब प्लाज्मा में से फाइब्रिनोजेन नामक प्रोटीन निकाल लिया जाता है तो फेस प्लाज्मा को सेरम कहा जाता है।
*रुधिराणु (Blood corpuscles):blood kya hota hai in Hindi
यह रक्त का शीश 40% भाग होता है इसे तीन भागों में बांटते हैं। 1. लाल रक्त कण (RBC) 2. श्वेत रक्त कण (WBC) और 3. रक्त बिम्बाणु (Blood platelets)।
1. लाल रक्त कण ( RBCs -Red Blood Corpuscles)
इसमें केंद्रक नहीं होता है। अपवाद-ऊंट एवं लामा नामक स्तनधारी की लाल रक्त कण में केंद्रक पाया जाता है।
RBC का निर्माण अस्थि मज्जा (Bone marrow) मैं होता है। प्रोटीन, आयरन, विटामिन B12 एवं फोलिक अम्ल लाल रक्त कण के निर्माण में सहायक होते हैं। नोट: भ्रूण अवस्था में इसका निर्माण यकृत और प्लीहा में होता है।
इसका जीवनकाल 20 -120 दिन होता है। इसकी मृत्यु यकृत (liver) और प्लीहा (spleen) मैं होती है इसलिए कृत और प्लीहा को RBCs का कब्रगाह कहां जाता है।
इसमें हीमोग्लोबिन होता है जिसमें हिम नामक रंजक (Dye) होता है इसके कारण रक्त का रंग लाल होता है। यह ग्लोबिन (globin) लौह युक्त प्रोटीन है, जो अक्सीजन एवं कार्बन डाइऑक्साइड से सहयोग करने की क्षमता रखता है। हिमोग्लोबिन में पाए जाने वाला लव योगिक हीमैटिन है
RBCs का मुख्य कार्य:
- शरीर की हर कोशिका में अक्सीजन पहुंचाना एवं कार्बन डाइऑक्साइड को वापस लाना है।
- हीमोग्लोबिन की मात्रा कम होने पर रक्तक्षीणता (Anaemia) रोग हो जाता है।
- सोते वक्त RBCs 5% कम हो जाता है एवं जो लोग 4200m की ऊंचाई पर होते हैं, उनमें RBCs में 30% की वृद्धि हो जाती है।
- RBCs की संख्या हीमोसाइटोमीटर से ज्ञात की जाती है। नोट : थैलेसीमिया रोग में लाल रुधिराणु नहीं बनते हैं।
- यह ऑक्सीजन से क्रिया करके अस्थाई योगिक ऑक्सिहीमोग्लोबिन बनाता है ऑक्सी हीमोग्लोबिन ऊतकों में पहुंचकर O^2 को मुक्त कर देता है।
2. श्वेत रक्त कण (WBC -White Blood Corpuscles) blood kya hota hai in Hindi
रंगहीन केंद्रकीय तथा बड़े आकार के होते हैं तथा आकार और रचना में या अमीबा के समान होता है इसमें केंद्रक रहता है।
यह दो प्रकार के होते हैं। कणिकामय श्वेत रक्त (granulocyte) तथा कणिका रहित श्वेत रक्त (agranulocytes)।
कणिकामय श्वेत रक्त:
इनका केंद्र प्रायः दो से पांच खंडों में बांटा असमित (asymmetrical) आकृति का होता है इनका कोशा द्रव्य में कणिकामय होता है। यह तीन प्रकार के होते हैं।
इयोसिनोफिल्स (eosinophils): ये अम्लीय रंगो जैसे इओसीन (eosin) से स्टेन होते हैं केंद्रक दो स्पष्ट पिंडो में बटा होता है। एलर्जी, प्रतिरक्षा, एवं अति संवेदनशीलता में महत्वपूर्ण कार्य करते हैं
एलर्जी रोग से पीड़ित व्यक्तियों में इनकी संख्या अधिक होती है।
बेसोफिल्स (basophils): ये छारीय रंगो जैसे मैथिलीन ब्ल्यू ( methylene blue) से स्टेन होते हैं केंद्रक बड़ा ऐंठन के कारण दो तीन भागों में बटासा प्रतीत होता है।
न्यूट्रोफिल्स (neutrophils or heterophils): केंद्रक दो से पांच पिंडो में बटा होता है ये पिंड सूत्र द्वारा आपस में जुड़े रहते हैं यह सभी रंगों से स्टेन हो जाते हैं इनमें भक्षण क्षमता सबसे अधिक होती है
कणिका रहित श्वेत रक्त (Agranulocytes):
इनका को कोशाद्रव्य कणिकारहित होता है। यह दो प्रकार के होते हैं
लिंफोसाइट्स (Lymphocytes): केंद्रक बड़ा गोल तथा एक ओर पिचका सा होता है यह प्रतिरक्षी (antibodies) का निर्माण करते हैं।
मोनोसाइट्स (Monocytes): इनका केंद्रक बड़ा होता है यह सक्रिय भ्रमण एवं भक्षण करते हैं। जीवाणु तथा अन्य हानिकारक पदार्थों आदि का भक्षण करके शरीर की सुरक्षा करते हैं।
इसका निर्माण अस्थि मज्जा (bone marrow) लिंम्फ नोड और कभी-कभी यकृत (liver) प्लीहा (spleen) मैं भी होता है। इसका जीवनकाल 2 से 4 दिन का होता है इसकी मृत्यु रक्त में ही हो जाती है।
WBCs का मुख्य कार्य (blood kya hota hai in Hindi)
- इसका मुख्य कार्य शरीर को रोगों के संक्रमण से बचाना है
- WBC का सबसे अधिक भाग ( 60 -70%) न्यूट्रोफिल्स कणिकाओं का बना होता है।
- न्यूट्रोफिल्स कणिकाएं रोगाणुओं तथा जीवाणुओं का भक्षण करती है
3. रक्त बिम्बाणु या रक्त प्लेटलेट्स (Blood platelets)
यह केवल स्तनियो में पाई जाती है। इनकी संख्या 1.5 -5 लाख प्रति घन मिली रक्त होती है ये सूक्ष्म, केंद्रक विहीन, संकुचनशील, गोल या अंडाकार होती है।
चोट लगने पर छतिग्रस्त रक्त कोशिका से ज़्यो ही रक्त प्लेटलेट्स निकल कर हवा के संपर्क में आती है यह विघटित होकर रक्त का थक्का बनाने की प्रक्रिया आरंभ कर देती है।
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इसका निर्माण अस्थि मज्जा (bone marrow) मैं होता है। इसका जीवनकाल 3 से 5 दिन का होता है इसकी मृत्यु प्लीहा (spleen) मैं हो जाती है इसका मुख्य कारण रक्त को थक्का बनाने में मदद करना है।
नोट: डेंगू ज्वर के कारण मानव शरीर में प्लेटलेट्स की कमी हो जाती है।
Blood kya hota hai in Hindi रक्त किसे कहते हैं? में, रक्त के कार्य (Functions of blood)
- रक्त हिमोग्लोबिन की सहायता से ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाता है।
- श्वसन के फल स्वरुप बनी कार्बन डाइऑक्साइड को फेफड़ों तक पहुंचाना है
- रक्त पोषक पदार्थों, उत्सर्जित पदार्थों, एंजाइम्स, हारमोंस, प्रतिजन (antigens), प्रतिरक्षी (antibodies) आदि का भी संचरण करता है।
- रक्त की श्वेत रुधिराणु WBCs जीवाणु तथा विषाणु आदि रोगाणु का भक्षण करके अथवा इन्हें नष्ट करके शरीर की सुरक्षा करते हैं।
- रक्त शरीर के विभिन्न भागों के ताप को सम्मान बनाए रखता है।
- चोट लगने पर रक्त का थक्का बनना, क्षतिग्रस्त अंग की मरम्मत तथा घाव को भरने में रक्त महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- रक्त मृत तथा टूटी फूटी कोशिकाओं को यकृत तथा प्लीहा तक पहुंचाता है।
- रक्त क्या है? रक्त शरीर के विभिन्न भागों की रासायनिक तथा भौतिक दशाओं का नियमन कर उनके मध्य समन्वय बनाए रखता है।
- लैंगिक वरण में सहायता करना तथा विभिन्न अंगों में सहयोग स्थापित करना।
- विटामिन K रक्त का थक्का बनाने में सहायक होता है सामान्यतः रक्त का थक्का 2 से 5 मिनट में बन जाता है।
मनुष्य के परिवहन तंत्र के अंतर्गत रक्त तथा लसीका परिसंचरण तंत्र आता है इनमें भ्रमण करने वाले तरल क्रम : रक्त तथा लसीका होते हैं।
Blood kya hota hai in Hindi रक्त किसे कहते हैं? इस पोस्ट में पूरी जानकारी दी गई है की ब्लड क्या है? फिर भी इस पोस्ट में कोई भी त्रुटि लगे तो।
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